डेटा सुरक्षा
12/2/2025
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डिजिटल डेटा सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकार 2025: DPDP अधिनियम, शिकायत निवारण और गोपनीयता अधिकारों की संपूर्ण मार्गदर्शिका

भारत में 97 करोड़+ इंटरनेट उपयोगकर्ता। DPDP अधिनियम 2023 लागू। DPDP नियम 2025 अधिसूचित। ₹250 करोड़ तक जुर्माना। डेटा सुरक्षा बोर्ड। 72 घंटे में उल्लंघन रिपोर्टिंग। 15 FAQ और शिकायत प्रारूप।

By डेटा सुरक्षा विशेषज्ञ

Insurance Claims Expert

डिजिटल डेटा सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकार 2025: DPDP अधिनियम, शिकायत निवारण और गोपनीयता अधिकारों की संपूर्ण मार्गदर्शिका

मुख्य बिंदु: भारत में 97 करोड़+ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम 2023 लागू। DPDP नियम 2025 अधिसूचित। ₹250 करोड़ तक जुर्माना। डेटा सुरक्षा बोर्ड की स्थापना। 72 घंटे में उल्लंघन रिपोर्टिंग अनिवार्य। 15 FAQ और शिकायत प्रारूप।

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विषय सूची

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भारत का डिजिटल परिदृश्य

इंटरनेट उपयोगकर्ता आँकड़े

भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार है। 2024-2025 के प्रमुख आँकड़े:

| संकेतक | आँकड़े | |--------|--------| | इंटरनेट उपयोगकर्ता | 97.15 करोड़ (67.03% जनसंख्या) | | स्मार्टफोन उपयोगकर्ता | 114 करोड़+ | | वायरलेस ग्राहक | 115 करोड़+ | | शहरी इंटरनेट पहुँच | 131.86% | | ग्रामीण इंटरनेट पहुँच | 58.48% |

2025 तक 100 करोड़+ इंटरनेट उपयोगकर्ता होने का अनुमान

साइबर सुरक्षा स्थिति

चिंताजनक आँकड़े:

| संकेतक | विवरण | |--------|--------| | साइबर खतरे | 83% भारतीय संगठन प्रतिवर्ष प्रभावित | | खतरा पहचान | प्रति मिनट 761 साइबर खतरे | | वैश्विक रैंक | साइबर हमलों में दूसरा सबसे प्रभावित देश | | फ़िशिंग हमले | वित्तीय क्षेत्र में 175% वृद्धि (2024) | | CERT-In रिपोर्ट | 13.2 लाख घटनाएं (जनवरी-अक्टूबर 2023) |

प्रमुख डेटा उल्लंघन (2024)

| कंपनी | प्रभावित उपयोगकर्ता | तिथि | |-------|---------------------|------| | Hathway | 4.15 करोड़ | मार्च 2024 | | boAt | 75 लाख | फरवरी 2024 | | BSNL | लाखों | जुलाई 2024 | | डार्क वेब डेटाबेस | 75 करोड़ | 2024 |

डेटा उल्लंघन की लागत:
  • 2023: $12.2 लाख
  • 2024: $13.6 लाख (10%+ वृद्धि)

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DPDP अधिनियम 2023 का परिचय

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

11 अगस्त 2023 को भारतीय संसद ने देश का पहला व्यापक डेटा संरक्षण कानून - डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 पारित किया।

अधिनियम के उद्देश्य

  • व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा - नागरिकों के डिजिटल डेटा की रक्षा
  • अधिकारों का संरक्षण - डेटा प्रिंसिपल के अधिकारों की गारंटी
  • जवाबदेही - डेटा फिड्यूशरी को जिम्मेदार बनाना
  • पारदर्शिता - डेटा प्रोसेसिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित करना

अधिनियम का दायरा

शामिल:
  • ✅ डिजिटल रूप में एकत्र व्यक्तिगत डेटा
  • ✅ गैर-डिजिटल डेटा जो बाद में डिजिटाइज़ हुआ
  • ✅ भारत में प्रोसेसिंग
  • ✅ भारत के बाहर प्रोसेसिंग (भारतीय नागरिकों का डेटा)
बाहर:
  • ❌ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा
  • ❌ व्यक्तिगत/घरेलू उपयोग के लिए प्रोसेसिंग
  • ❌ कानूनी बाध्यता के तहत सार्वजनिक डेटा

GDPR से तुलना

| पहलू | DPDP 2023 | GDPR | |------|-----------|------| | दायरा | केवल डिजिटल डेटा | सभी व्यक्तिगत डेटा | | संवेदनशील डेटा | कोई अलग श्रेणी नहीं | विशेष श्रेणी मौजूद | | सहमति | स्पष्ट, सूचित | स्पष्ट, सूचित | | जुर्माना | ₹250 करोड़ तक | €20 मिलियन या 4% टर्नओवर |

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DPDP नियम 2025

अधिसूचना और समयसीमा

14 नवंबर 2025 को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने DPDP नियम, 2025 अधिसूचित किए।

पूर्ण अनुपालन समयसीमा: 13 मई 2027

नियमों के मुख्य प्रावधान

1. सहमति प्रबंधन
  • स्पष्ट और सूचित सहमति अनिवार्य
  • प्री-टिक्ड बॉक्स निषेध
  • बंडल्ड अनुमति निषेध
  • सहमति वापसी का आसान विकल्प
2. डेटा प्रोसेसिंग
  • उद्देश्य सीमा
  • डेटा न्यूनीकरण
  • स्टोरेज सीमा
  • सटीकता सुनिश्चित करना
3. शिकायत निवारण
  • 90 दिनों में शिकायत समाधान
  • ऑनलाइन पोर्टल/ऐप के माध्यम से शिकायत
  • पारदर्शी प्रक्रिया
4. डेटा उल्लंघन रिपोर्टिंग
  • 72 घंटे में रिपोर्टिंग अनिवार्य
  • डेटा प्रिंसिपल और बोर्ड दोनों को सूचना

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नागरिकों के डेटा अधिकार

DPDP अधिनियम के तहत प्रत्येक नागरिक (डेटा प्रिंसिपल) को निम्नलिखित अधिकार प्राप्त हैं:

1. सूचना का अधिकार

आपको यह जानने का अधिकार है:
  • कौन सा डेटा एकत्र किया जा रहा है
  • क्यों एकत्र किया जा रहा है
  • किसके साथ साझा किया जाएगा
  • कितने समय तक संग्रहीत रहेगा

2. पहुँच का अधिकार

  • अपने व्यक्तिगत डेटा की प्रति माँगने का अधिकार
  • प्रोसेसिंग गतिविधियों की जानकारी

3. सुधार और मिटाने का अधिकार

  • गलत डेटा को सुधारवाने का अधिकार
  • अप्रासंगिक डेटा को मिटवाने का अधिकार

4. सहमति वापसी का अधिकार

  • किसी भी समय सहमति वापस लेने का अधिकार
  • वापसी प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक होनी चाहिए

5. शिकायत निवारण का अधिकार

  • डेटा फिड्यूशरी से शिकायत करने का अधिकार
  • डेटा सुरक्षा बोर्ड में अपील का अधिकार

6. नामांकन का अधिकार

  • मृत्यु या अक्षमता की स्थिति में नॉमिनी नियुक्त करने का अधिकार
  • नॉमिनी अधिकारों का प्रयोग कर सकता है

नागरिकों के कर्तव्य

अधिकारों के साथ कुछ कर्तव्य भी हैं:

| कर्तव्य | विवरण | |---------|--------| | सही जानकारी | झूठी जानकारी न देना | | वास्तविक शिकायत | झूठी शिकायत न करना | | पहचान दस्तावेज़ | वैध दस्तावेज़ प्रस्तुत करना | | उल्लंघन अधिसूचना | उल्लंघन जानकारी दबाना नहीं |

कर्तव्य उल्लंघन पर जुर्माना: ₹10,000 तक

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डेटा फिड्यूशरी के दायित्व

कौन है डेटा फिड्यूशरी?

कोई भी व्यक्ति या संस्था जो डेटा प्रोसेसिंग का उद्देश्य और तरीका निर्धारित करती है।

उदाहरण:
  • बैंक और वित्तीय संस्थान
  • ई-कॉमर्स कंपनियां
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
  • अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं
  • टेलीकॉम कंपनियां

अनिवार्य दायित्व

1. सहमति प्रबंधन
  • स्पष्ट, सूचित सहमति प्राप्त करना
  • सहमति नोटिस प्रदान करना
  • सहमति रिकॉर्ड बनाए रखना
2. डेटा सुरक्षा
  • उचित तकनीकी उपाय
  • संगठनात्मक सुरक्षा उपाय
  • एन्क्रिप्शन और एक्सेस कंट्रोल
3. डेटा मिटाना
  • उद्देश्य पूर्ति के बाद डेटा हटाना
  • सहमति वापसी पर डेटा मिटाना
  • रिटेंशन पीरियड की समाप्ति पर मिटाना
4. शिकायत निवारण
  • शिकायत अधिकारी नियुक्त करना
  • सार्वजनिक पोर्टल उपलब्ध कराना
  • 90 दिनों में समाधान
5. उल्लंघन रिपोर्टिंग
  • 72 घंटे में बोर्ड को सूचित करना
  • प्रभावित व्यक्तियों को सूचित करना
  • उपचारात्मक कदम उठाना

महत्वपूर्ण डेटा फिड्यूशरी (SDF)

सरकार द्वारा निर्धारित बड़ी कंपनियों के लिए अतिरिक्त दायित्व:

| दायित्व | विवरण | |---------|--------| | डेटा सुरक्षा अधिकारी | भारत स्थित DPO नियुक्त करना | | वार्षिक ऑडिट | स्वतंत्र डेटा ऑडिट | | प्रभाव आकलन | डेटा प्रोटेक्शन इम्पैक्ट असेसमेंट |

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बच्चों के डेटा की सुरक्षा

विशेष प्रावधान

DPDP अधिनियम बच्चों (18 वर्ष से कम) के डेटा के लिए विशेष सुरक्षा प्रदान करता है:

1. अभिभावक सहमति
  • 18 वर्ष से कम के बच्चों के लिए अभिभावक/अभिभावक की सत्यापन योग्य सहमति अनिवार्य
2. प्रतिबंध
  • ❌ ट्रैकिंग निषेध
  • ❌ व्यवहारिक निगरानी निषेध
  • ❌ लक्षित विज्ञापन निषेध
3. उल्लंघन पर जुर्माना
  • बच्चों के डेटा के दुरुपयोग पर ₹200 करोड़ तक जुर्माना

अभिभावकों के लिए सुझाव

  • बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखें
  • ऐप अनुमतियों की समीक्षा करें
  • गोपनीयता सेटिंग्स कॉन्फ़िगर करें
  • बच्चों को डिजिटल साक्षरता सिखाएं

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शिकायत निवारण तंत्र

दो-स्तरीय प्रणाली

DPDP अधिनियम द्वि-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करता है:

 स्तर 1: डेटा फिड्यूशरी → शिकायत अधिकारी          ↓ (असंतुष्ट होने पर) स्तर 2: डेटा सुरक्षा बोर्ड ऑफ इंडिया          ↓ (अपील) स्तर 3: TDSAT (अपीलीय न्यायाधिकरण) 

स्तर 1: डेटा फिड्यूशरी से शिकायत

प्रक्रिया:
  • कंपनी की वेबसाइट/ऐप पर शिकायत पोर्टल खोजें
  • शिकायत फॉर्म भरें
  • आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें
  • ट्रैकिंग नंबर नोट करें

समयसीमा: 90 दिन

स्तर 2: डेटा सुरक्षा बोर्ड

यदि डेटा फिड्यूशरी से संतुष्टि न मिले:

आवेदन प्रक्रिया:
  • बोर्ड के ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं
  • शिकायत दर्ज करें
  • पिछली शिकायत का विवरण दें
  • साक्ष्य संलग्न करें

स्तर 3: TDSAT में अपील

बोर्ड के निर्णय से असंतुष्ट होने पर टेलीकॉम विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) में अपील।

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डेटा सुरक्षा बोर्ड

स्थापना और संरचना

डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ इंडिया (DPBI) DPDP अधिनियम की धारा 18 के तहत स्थापित:

  • स्वतंत्र निकाय
  • कॉर्पोरेट निकाय का दर्जा
  • डिजिटल संचालन

बोर्ड की शक्तियाँ

| शक्ति | विवरण | |-------|--------| | जाँच | उल्लंघनों की जाँच करना | | सुनवाई | शिकायतों की सुनवाई | | निर्देश | सुधारात्मक आदेश जारी करना | | दंड | जुर्माना लगाना | | आपातकालीन उपाय | तत्काल सुधारात्मक कदम |

बोर्ड की विशेषताएं

  • डिजिटल फर्स्ट - ऑनलाइन शिकायत और सुनवाई
  • त्वरित न्याय - तेज़ निर्णय प्रक्रिया
  • विशेषज्ञता - डेटा सुरक्षा में विशेषज्ञ सदस्य
  • पारदर्शिता - निर्णयों का प्रकाशन

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जुर्माना और दंड

जुर्माना सारणी

| उल्लंघन | अधिकतम जुर्माना | |---------|-----------------| | बच्चों के डेटा संबंधी उल्लंघन | ₹200 करोड़ | | डेटा उल्लंघन रिपोर्ट न करना | ₹200 करोड़ | | डेटा फिड्यूशरी के अन्य दायित्व | ₹250 करोड़ | | SDF के अतिरिक्त दायित्व | ₹150 करोड़ | | सहमति संबंधी उल्लंघन | ₹50 करोड़ | | डेटा प्रिंसिपल के कर्तव्य उल्लंघन | ₹10,000 |

जुर्माना निर्धारण के कारक

बोर्ड निम्नलिखित कारकों पर विचार करता है:

  • उल्लंघन की प्रकृति और गंभीरता
  • प्रभावित व्यक्तियों की संख्या
  • डेटा की संवेदनशीलता
  • उल्लंघन की अवधि
  • पिछले उल्लंघन
  • कंपनी का आकार और क्षमता

अतिरिक्त परिणाम

  • प्रतिष्ठा हानि - सार्वजनिक विश्वास में कमी
  • मुकदमा - वर्ग कार्रवाई का जोखिम
  • व्यापार प्रभाव - ग्राहक हानि

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साइबर सुरक्षा और डेटा उल्लंघन

सरकारी पहल

1. Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C)
  • गृह मंत्रालय द्वारा 2018 में स्थापित
  • साइबर अपराध से निपटने का ढांचा
2. National Cybercrime Reporting Portal (NCRP)
  • वेबसाइट: cybercrime.gov.in
  • ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण
  • 2019 में लॉन्च
3. CERT-In
  • कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम
  • साइबर सुरक्षा घटनाओं का समन्वय
  • 24x7 हेल्पलाइन

बजट आवंटन

केंद्रीय बजट 2025:
  • साइबर अपराध मुकाबले के लिए: ₹1,900 करोड़
  • पिछले वर्ष से: 18.75% वृद्धि

डेटा उल्लंघन से बचाव के उपाय

व्यक्तिगत स्तर पर:
  • मजबूत पासवर्ड उपयोग करें
  • दो-कारक प्रमाणीकरण सक्षम करें
  • संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें
  • सॉफ्टवेयर अपडेट रखें
  • VPN का उपयोग करें
व्यावसायिक स्तर पर:
  • नियमित सुरक्षा ऑडिट
  • कर्मचारी प्रशिक्षण
  • एन्क्रिप्शन लागू करें
  • एक्सेस कंट्रोल
  • इंसीडेंट रिस्पांस प्लान

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शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

चरण 1: कंपनी से संपर्क

पहले डेटा फिड्यूशरी के शिकायत अधिकारी से संपर्क करें:

  • कंपनी की वेबसाइट पर "Privacy" या "Contact" सेक्शन खोजें
  • शिकायत फॉर्म भरें या ईमेल करें
  • निम्नलिखित जानकारी शामिल करें:
  • आपका नाम और संपर्क विवरण
  • खाता/उपयोगकर्ता आईडी
  • शिकायत का विवरण
  • अपेक्षित समाधान

समयसीमा: 90 दिन का इंतज़ार करें

चरण 2: INGRAM पोर्टल (उपभोक्ता शिकायत)

सामान्य उपभोक्ता शिकायतों के लिए:

वेबसाइट: consumerhelpline.gov.in

तरीके:
  • हेल्पलाइन: 1800-11-4000 (टोल फ्री) या 1915
  • SMS: 8800001915
  • ऑनलाइन पोर्टल: पंजीकरण करें और शिकायत दर्ज करें

चरण 3: साइबर अपराध शिकायत

साइबर अपराध (हैकिंग, धोखाधड़ी आदि) के लिए:

वेबसाइट: cybercrime.gov.in

प्रक्रिया:
  • पोर्टल पर पंजीकरण करें
  • शिकायत श्रेणी चुनें
  • विवरण और साक्ष्य अपलोड करें
  • ट्रैकिंग नंबर प्राप्त करें

चरण 4: डेटा सुरक्षा बोर्ड

DPDP उल्लंघन के लिए:

  • पहले कंपनी से शिकायत करें
  • 90 दिन बाद या असंतुष्ट होने पर
  • बोर्ड के पोर्टल पर आवेदन करें
  • शुल्क जमा करें (यदि लागू)
  • सुनवाई में भाग लें

चरण 5: TDSAT में अपील

बोर्ड के निर्णय से असंतुष्ट होने पर:

  • अपील अवधि: निर्णय के 60 दिनों के भीतर
  • वेबसाइट: tdsat.gov.in

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1: DPDP अधिनियम कब से लागू है?

उत्तर: DPDP अधिनियम 11 अगस्त 2023 को पारित हुआ। DPDP नियम 14 नवंबर 2025 को अधिसूचित हुए। पूर्ण अनुपालन की समयसीमा 13 मई 2027 है।

Q2: मेरा डेटा लीक हो गया है, क्या करूं?

उत्तर:
  • तुरंत कंपनी को सूचित करें
  • पासवर्ड बदलें
  • cybercrime.gov.in पर शिकायत करें
  • बैंक को सूचित करें (वित्तीय डेटा के लिए)
  • साक्ष्य सहेजें

Q3: क्या कंपनी बिना अनुमति के मेरा डेटा बेच सकती है?

उत्तर: नहीं। DPDP अधिनियम के तहत आपकी स्पष्ट सहमति के बिना डेटा साझा करना अवैध है। जुर्माना ₹50 करोड़ तक हो सकता है।

Q4: मैं अपना डेटा कैसे हटवा सकता हूं?

उत्तर:
  • कंपनी के शिकायत अधिकारी से संपर्क करें
  • लिखित में डेटा मिटाने का अनुरोध करें
  • 30 दिनों में कार्रवाई की अपेक्षा करें
  • असंतुष्ट होने पर बोर्ड में शिकायत करें

Q5: बच्चों के डेटा के लिए विशेष नियम क्या हैं?

उत्तर:
  • 18 वर्ष से कम के लिए अभिभावक सहमति अनिवार्य
  • ट्रैकिंग और लक्षित विज्ञापन निषेध
  • उल्लंघन पर ₹200 करोड़ तक जुर्माना

Q6: सहमति कैसे वापस लें?

उत्तर:
  • कंपनी की प्राइवेसी सेटिंग्स में जाएं
  • "Withdraw Consent" या "सहमति वापस लें" विकल्प खोजें
  • लिखित अनुरोध भेजें
  • प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक होनी चाहिए

Q7: डेटा उल्लंघन की रिपोर्ट कब करनी चाहिए?

उत्तर: कंपनियों को 72 घंटे के भीतर:
  • डेटा सुरक्षा बोर्ड को
  • प्रभावित व्यक्तियों को
सूचित करना अनिवार्य है।

Q8: क्या विदेशी कंपनियां भी इस कानून के अंतर्गत आती हैं?

उत्तर: हां। यदि वे भारतीय नागरिकों का डेटा प्रोसेस करती हैं, तो DPDP अधिनियम लागू होता है।

Q9: शिकायत का समाधान कितने दिनों में होना चाहिए?

उत्तर:
  • डेटा फिड्यूशरी स्तर: 90 दिन
  • डेटा सुरक्षा बोर्ड: मामले की जटिलता पर निर्भर

Q10: क्या मुझे मुआवज़ा मिल सकता है?

उत्तर: DPDP अधिनियम में व्यक्तिगत मुआवज़े का स्पष्ट प्रावधान नहीं है, लेकिन आप:
  • उपभोक्ता फोरम में मामला दायर कर सकते हैं
  • सिविल कोर्ट में मुकदमा कर सकते हैं

Q11: "संवेदनशील डेटा" क्या है?

उत्तर: DPDP अधिनियम GDPR की तरह संवेदनशील डेटा को अलग नहीं करता, लेकिन निम्नलिखित को अधिक सुरक्षा की आवश्यकता है:
  • स्वास्थ्य डेटा
  • वित्तीय डेटा
  • बायोमेट्रिक डेटा
  • बच्चों का डेटा

Q12: क्या सरकारी एजेंसियां भी इस कानून के अंतर्गत आती हैं?

उत्तर: हां, लेकिन कुछ छूट हैं:
  • राष्ट्रीय सुरक्षा
  • कानून प्रवर्तन
  • विदेशी सरकारों के साथ समझौते

Q13: DPO (डेटा प्रोटेक्शन ऑफिसर) क्या है?

उत्तर: महत्वपूर्ण डेटा फिड्यूशरी को भारत में स्थित DPO नियुक्त करना अनिवार्य है जो:
  • अनुपालन सुनिश्चित करता है
  • शिकायतों का समाधान करता है
  • बोर्ड से संपर्क करता है

Q14: क्या मैं अपने डेटा की प्रति माँग सकता हूं?

उत्तर: हां। यह आपका अधिकार है। कंपनी को उचित समय में आपके व्यक्तिगत डेटा की प्रति प्रदान करनी होगी।

Q15: TDSAT में अपील की समयसीमा क्या है?

उत्तर: डेटा सुरक्षा बोर्ड के निर्णय के 60 दिनों के भीतर TDSAT में अपील दायर करनी होगी।

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शिकायत प्रारूप

डेटा फिड्यूशरी को शिकायत पत्र

 प्रेषक: [आपका नाम] [पता] [मोबाइल नंबर] [ईमेल]

प्रेषित: शिकायत अधिकारी/डेटा प्रोटेक्शन ऑफिसर [कंपनी का नाम] [कंपनी का पता]

दिनांक: [तारीख]

विषय: डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत शिकायत

महोदय/महोदया,

मैं, [आपका नाम], आपकी कंपनी का ग्राहक/उपयोगकर्ता हूं। खाता/उपयोगकर्ता आईडी: [आईडी नंबर] पंजीकृत मोबाइल/ईमेल: [विवरण]

मुझे निम्नलिखित शिकायत है: [विस्तृत शिकायत लिखें - क्या हुआ, कब हुआ, कैसे पता चला]

DPDP अधिनियम, 2023 के तहत मेरे अधिकार:
  • धारा [संबंधित धारा] के अनुसार [अधिकार का उल्लेख]
मेरी मांग:
  • [जैसे: मेरा डेटा मिटाएं]
  • [जैसे: डेटा उल्लंघन की जानकारी दें]
  • [जैसे: मेरे डेटा की प्रति प्रदान करें]

कृपया DPDP नियम, 2025 के अनुसार 90 दिनों के भीतर कार्रवाई करें। असंतोषजनक प्रतिक्रिया की स्थिति में, मैं डेटा सुरक्षा बोर्ड में शिकायत दर्ज करूंगा/करूंगी।

संलग्नक:
  • [पहचान प्रमाण]
  • [स्क्रीनशॉट/साक्ष्य]
  • [अन्य दस्तावेज़]

भवदीय, [हस्ताक्षर] [आपका नाम]

डेटा सुरक्षा बोर्ड को शिकायत

 डेटा सुरक्षा बोर्ड ऑफ इंडिया [पता]

शिकायत आवेदन

शिकायतकर्ता विवरण: नाम: [आपका नाम] पता: [पूरा पता] मोबाइल: [नंबर] ईमेल: [ईमेल] आधार नंबर: [वैकल्पिक]

प्रतिवादी विवरण: कंपनी का नाम: [डेटा फिड्यूशरी का नाम] पता: [कंपनी का पता] वेबसाइट: [वेबसाइट URL]

पूर्व शिकायत विवरण: शिकायत दिनांक: [तारीख] शिकायत संदर्भ संख्या: [नंबर] प्रतिक्रिया प्राप्त: [हां/नहीं] प्रतिक्रिया की तिथि: [तारीख]

शिकायत का विवरण: [विस्तृत विवरण - घटनाक्रम, उल्लंघन का प्रकार, पहले की कार्रवाई]

DPDP अधिनियम की उल्लंघित धाराएं:
  • धारा [नंबर]: [उल्लंघन का विवरण]
अपेक्षित राहत:
  • [जैसे: डेटा मिटाने का आदेश]
  • [जैसे: जुर्माना लगाने का आदेश]
  • [जैसे: सुधारात्मक उपाय]
संलग्न साक्ष्य:
  • पूर्व शिकायत की प्रति
  • कंपनी की प्रतिक्रिया (यदि कोई)
  • स्क्रीनशॉट/दस्तावेज़

घोषणा: मैं घोषणा करता/करती हूं कि उपरोक्त जानकारी मेरी जानकारी में सत्य और सही है।

दिनांक: [तारीख] स्थान: [शहर]

[हस्ताक्षर] [नाम]

---

महत्वपूर्ण संपर्क

| संस्था/सेवा | संपर्क | |-------------|--------| | राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन | 1800-11-4000 / 1915 | | साइबर अपराध पोर्टल | cybercrime.gov.in | | INGRAM पोर्टल | consumerhelpline.gov.in | | CERT-In | incident@cert-in.org.in | | NCDRC | ncdrc.nic.in | | TDSAT | tdsat.gov.in | | MeitY | meity.gov.in |

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निष्कर्ष

DPDP अधिनियम, 2023 और DPDP नियम, 2025 भारत में डिजिटल गोपनीयता के नए युग की शुरुआत करते हैं। नागरिकों के रूप में, यह महत्वपूर्ण है कि हम:

अपने अधिकार जानें:
  • सूचना का अधिकार
  • सुधार और मिटाने का अधिकार
  • सहमति वापसी का अधिकार
  • शिकायत का अधिकार
सावधानी बरतें:
  • ऑनलाइन डेटा साझा करते समय सतर्क रहें
  • गोपनीयता सेटिंग्स की समीक्षा करें
  • संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें
शिकायत करें:
  • पहले कंपनी से
  • फिर डेटा सुरक्षा बोर्ड से
  • अंत में TDSAT में

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यह लेख 2025 में अपडेट किया गया है। कानूनी सलाह के लिए योग्य वकील से परामर्श करें।

संदर्भ: डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023; DPDP नियम, 2025; MeitY दिशानिर्देश

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